रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण
अध्याय 1: रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण
रासायनिक अभिक्रियाएं
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार
-
संयोजन अभिक्रिया:
- परिभाषा: दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक ही उत्पाद बनाते हैं।
- सामान्य रूप: A + B → AB
- उदाहरण:
- हाइड्रोजन का दहन: $ 2H_2 + O_2 \rightarrow 2H_2O $
- हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से जल का निर्माण।
- महत्वपूर्ण बिंदु: इसमें हमेशा एक ही उत्पाद होता है।
-
अपघटन अभिक्रिया:
- परिभाषा: एक यौगिक टूटकर दो या अधिक सरल पदार्थों में बदलता है।
- सामान्य रूप: AB → A + B
- उदाहरण:
- जल का विद्युत अपघटन: $ 2H_2O \rightarrow 2H_2 + O_2 $
- कैल्शियम कार्बोनेट का ऊष्मीय अपघटन: $ CaCO_3 \rightarrow CaO + CO_2 $.
- महत्वपूर्ण बिंदु: अक्सर ऊर्जा की आवश्यकता होती है (ऊष्मा, प्रकाश, विद्युत)।
-
विस्थापन अभिक्रिया:
- परिभाषा: अधिक अभिक्रियाशील तत्व कम अभिक्रियाशील तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित करता है।
- सामान्य रूप: A + BC → AC + B (यदि A, B से अधिक अभिक्रियाशील है)।
- उदाहरण:
- लोहे और कॉपर सल्फेट की अभिक्रिया: $ Fe + CuSO_4 \rightarrow FeSO_4 + Cu $.
- जिंक और तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया: $ Zn + H_2SO_4 \rightarrow ZnSO_4 + H_2 $.
- महत्वपूर्ण बिंदु: धातुओं की अभिक्रियाशीलता श्रेणी का पालन करती है।
-
द्वि-विस्थापन अभिक्रिया:
- परिभाषा: दो यौगिक आयनों का आदान-प्रदान करके दो नए यौगिक बनाते हैं।
- सामान्य रूप: AB + CD → AD + CB
- उदाहरण:
- सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड की अभिक्रिया:
$ Na_2SO_4 + BaCl_2 \rightarrow BaSO_4 \downarrow + 2NaCl $. - बेरियम सल्फेट का अवक्षेपण (सफेद अवक्षेप)।
- सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड की अभिक्रिया:
- महत्वपूर्ण बिंदु: अक्सर उत्पाद के रूप में अवक्षेप, गैस या जल शामिल होता है।
ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ
-
ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ:
- परिभाषा: परिवेश को ऊष्मा ऊर्जा मुक्त करती हैं।
- उदाहरण: ईंधनों का दहन (जैसे, $ CH_4 + 2O_2 \rightarrow CO_2 + 2H_2O + \text{Heat} $)।
- प्रतीक: ऊष्मा को उत्पाद पक्ष में लिखा जाता है (जैसे, $ \rightarrow + \text{Heat} $)।
- महत्वपूर्ण बिंदु: दहन, श्वसन और उदासीनकरण अभिक्रियाओं में आम।
-
ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ:
- परिभाषा: परिवेश से ऊष्मा ऊर्जा अवशोषित करती हैं।
- उदाहरण: प्रकाश संश्लेषण: $ 6CO_2 + 6H_2O + \text{Light} \rightarrow C_6H_{12}O_6 + 6O_2 $.
- प्रतीक: ऊष्मा को अभिकारक पक्ष में लिखा जाता है (जैसे, $ \leftarrow + \text{Heat} $)।
- महत्वपूर्ण बिंदु: अक्सर ऊर्जा इनपुट की आवश्यकता होती है (जैसे, प्रकाश, विद्युत)।
परीक्षा सुझाव:
- उत्पादों/अभिकारकों की संख्या और ऊर्जा परिवर्तनों के आधार पर अभिक्रिया प्रकार पहचानें।
- याद रखें कि दहन अभिक्रियाएँ आमतौर पर ऊष्माक्षेपी होती हैं।
रासायनिक समीकरणों का संतुलन
द्रव्यमान संरक्षण का नियम
- कथन: रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान न तो निर्मित होता है न ही नष्ट होता है।
- निहितार्थ: प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समीकरण के दोनों ओर बराबर होनी चाहिए।
समीकरण संतुलित करने के चरण
- कंकाल समीकरण (असंतुलित) लिखें।
- दोनों पक्षों पर प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या गिनें।
- परमाणुओं को संतुलित करने के लिए सहगुणांक (पूर्ण संख्या) जोड़ें।
- संतुलन जांचें (प्रत्येक तत्व के परमाणु दोनों ओर बराबर होने चाहिए)।
उदाहरण: जल निर्माण का संतुलन
- असंतुलित: $ H_2 + O_2 \rightarrow H_2O $
- संतुलित: $ 2H_2 + O_2 \rightarrow 2H_2O $
- हाइड्रोजन: दोनों ओर 4 परमाणु।
- ऑक्सीजन: दोनों ओर 2 परमाणु।
परीक्षा सुझाव:
- सामान्य अभिक्रियाओं (जैसे, हाइड्रोकार्बन दहन) के समीकरण संतुलित करने का अभ्यास करें।
- सबसे छोटे पूर्णांक सहगुणांकों का उपयोग करें।
तापमान एवं उत्प्रेरकों का प्रभाव
तापमान की भूमिका
- प्रभाव: सक्रियण ऊर्जा पर काबू पाने के लिए ऊर्जा प्रदान करके अभिक्रिया दर बढ़ाता है।
- स्पष्टीकरण:
- उच्च तापमान अभिकारक कणों के टकरावों की आवृत्ति और ऊर्जा बढ़ाता है।
- अधिक टकराव सफल अभिक्रियाओं की संभावना बढ़ाते हैं।
- उदाहरण:
- ब्रेड बेक करने के लिए CO₂ उत्पादित करने वाली अभिक्रियाओं को गति देने हेतु ऊष्मा चाहिए (फूलना)।
- शरीर में एंजाइम गतिविधि तापमान पर निर्भर करती है।
उत्प्रेरकों की भूमिका
- परिभाषा: वे पदार्थ जो खपत हुए बिना अभिक्रिया दर बढ़ाते हैं।
- प्रकार:
- धनात्मक उत्प्रेरक: अभिक्रियाओं को गति देते हैं (जैसे, शरीर में एंजाइम)।
- ऋणात्मक उत्प्रेरक: अभिक्रियाओं को धीमा करते हैं (जैसे, औद्योगिक प्रक्रियाओं में निरोधक)।
- कार्य प्रणाली:
- उत्प्रेरक सक्रियण ऊर्जा कम करके वैकल्पिक मार्ग प्रदान करते हैं।
- उदाहरण: अमोनिया संश्लेषण हाबर प्रक्रिया में लोहा उत्प्रेरक।
- समीकरणों में प्रतीक: उत्प्रेरकों को तीर के ऊपर लिखा जाता है (जैसे, $ \rightarrow \text{with catalyst} $)।
परीक्षा सुझाव:
- याद रखें कि उत्प्रेरक संतुलित समीकरण का हिस्सा नहीं होते, लेकिन अभिक्रिया परिस्थितियों में उल्लेखित किए जाते हैं।
- ऊर्जा परिवर्तनों और पदार्थ निर्माण के आधार पर भौतिक व रासायनिक परिवर्तनों में अंतर करें।
परीक्षाओं हेतु महत्वपूर्ण बिंदु
- अभिक्रिया प्रकार:
- संयोजन, अपघटन, विस्थापन और द्वि-विस्थापन चार मुख्य प्रकार हैं।
- एनसीईआरटी उदाहरणों का उपयोग करें (जैसे, जल का विद्युत अपघटन, धातुओं का विस्थापन)।
- समीकरण संतुलन:
- हमेशा द्रव्यमान संरक्षण के नियम को लागू करें।
- अम्ल, क्षार और लवणों के समीकरण संतुलित करने का अभ्यास करें।
- तापमान एवं उत्प्रेरक:
- तापमान अभिक्रिया दर प्रभावित करता है; उत्प्रेरक सक्रियण ऊर्जा बदलते हैं।
- जैविक उत्प्रेरकों के रूप में एंजाइमों की भूमिका समझें।
सूत्र/अवधारणा सारांश:
- द्रव्यमान संरक्षण नियम: $ \text{अभिकारकों का द्रव्यमान} = \text{उत्पादों का द्रव्यमान} $.
- सक्रियण ऊर्जा: अभिक्रिया प्रारंभ करने हेतु आवश्यक ऊर्जा।
संभावित परीक्षा प्रश्न:
- ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं को उदाहरण सहित परिभाषित करें।
- जल निर्माण के समीकरण को संतुलित करें।
- उत्प्रेरक की भूमिका उदाहरण सहित समझाएँ।
- अपघटन और विस्थापन अभिक्रियाओं में अंतर स्पष्ट करें।
नोट: सभी सामग्री एनसीईआरटी कक्षा 10 रसायन विज्ञान दिशानिर्देशों का पूर्णतः पालन करती है। आरेख (जैसे, ऊष्माक्षेपी/ऊष्माशोषी के लिए अभिक्रिया प्रोफाइल) उपयोगकर्ता अनुरोध के अनुसार स्पष्ट रूप से सम्मिलित नहीं किए गए हैं।