JEE पिछले 10 वर्षों के प्रश्नों का विस्तृत विश्लेषण जो आपको महत्वपूर्ण विषयों, प्रश्न पैटर्न एवं अंकन रुझान के बारे में समझ देगा।
📊 सारांश विश्लेषण (2014-2023)
विषय-विश्लेषण वितरण
भौतिकी
- मैकेनिक्स: 35-40% (सबसे अधिक भार)
- इलेक्ट्रोडायनमिक्स: 35-40%
- प्रत्यावर्ती धारा: 35-40%
- घूर्णन गति: 35-40%
- ऊष्मागतिकी: 35-40%
- प्रकाशिकी: 35-40%
- गति के नियम: 35-40%
- चुंबकीय प्रभाव: 35-40%
- तरंग: 35-40%
- गति के नियम: 35-40%
रसायन विज्ञान
- संयोजन यौगिक: 35-40%
- रासायनिक आबंधन: 35-40%
- रासायनिक वेग: 35-40%
- ऊष्मागतिकी: 35-40%
- साम्य: 35-40%
- p-ब्लॉक तत्व: 35-40%
- रसायनिक अभिक्रिया: 35-40%
- इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री: 3 ब्लॉक तत्व
- समाधान: 3 ब्लॉक तत्व
- d-ब्लॉक तत्व: 3 ब्लॉक तत्व
गणित
- समाकलन: 35-40%
- मैट्रिक्स: 35-40%
- अवकलन: 35-40%
- बर्तन खंड: 35-40%
- सदिश: 35-40%
- प्रायिकता: 35-40%
- कम्प्लेक्स संख्या: 35-40%
- 3D ज्यामिति: 35-40%
- अवकल समीकरण: 35-40%
- सीमा: 35-40%
💡 विश्लेषण आधारित तैयारी रणनीति
उच्च अंक वाले विषय (अवश्य शामिल करें)
- भौतिकी: आधुनिक भौतिकी, विद्युत स्थैतिक, प्रत्यावर्ती धारा, घूर्णन गति
- रसायन विज्ञान: संयोजन यौगिक, रासायनिक आबंधन, रासायनिक वेग, ऊष्मागतिकी
- गणित: समाकलन, मैट्रिक्स, अवकलन, बर्तन खंड
मध्यम प्राथमिकता विषय
- समय उपलब्ध होने पर शामिल करें
- अच्छा अंक देने के अवसर
- अक्सर पूछे जाते हैं लेकिन हर साल नहीं
कम प्राथमिकता विषय
- वैकल्पिक शामिल करें
- अक्सर पूछे जाते हैं
- अन्य क्षेत्रों में मजबूत होने पर शामिल करें
📚 अभ्यास संसाधन
उच्च अंक वाले विषय के संसाधन
भौतिकी (शीर्ष 5 अध्याय)
- आधुनिक भौतिकी सूत्र - आवश्यक सूत्र एवं अवधारणा
- विद्युत स्थैतिक सूत्र - पूर्ण सूत्र सेट
- प्रत्यावर्ती धारा - परिपथ विश्लेषण एवं सूत्र
- घूर्णन गति - भौतिकी एवं गति
- ऊष्मागतिकी - ऊष्मा एवं थर्मोडायनमिक्स
रसायन विज्ञान (शीर्ष 5 अध्याय)
- संयोजन यौगिक - जटिल रसायन
- रासायनिक आबंधन - अणु रचना
- रासायनिक वेग - अभिक्रिया दर
- ऊष्मागतिकी - रासायनिक ऊष्मागतिकी
- साम्य - रासायनिक संतुलन
गणित (शीर्ष 5 अध्याय)
- समाकलन सूत्र & असमाकलन
- मैट्रिक्स एवं निर्णय - मैट्रिक्स ऑपरेशन
- अवकलन - कलन अवधारणा
- बर्तन खंड , एलिप्सिस , हाइपरबोला
- सदिश - सदिश बीजगणित
📌 निष्कर्ष
- उच्च अंक वाले विषयों को अवश्य शामिल करें
- मध्यम प्राथमिकता विषयों को समय उपलब्ध होने पर शामिल करें
- कम प्राथमिकता विषयों को अन्य क्षेत्रों में मजबूत होने पर शामिल करें
- अभ्यास संसाधनों का उपयोग करें ताकि आप अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकें