अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक्स
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अध्ययन नोट्स: अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक्स
विषय सूची
- ठोस पदार्थों में ऊर्जा बैंड
- अर्धचालक पदार्थ
- अर्धचालकों के प्रकार
- 3.1 आंतरिक अर्धचालक
- 3.2 बाह्य अर्धचालक
- 3.2.1 N-प्रकार अर्धचालक
- 3.2.2 P-प्रकार अर्धचालक
- अर्धचालकों में चालकता
- अनुप्रयोग और सारांश
1. ठोस पदार्थों में ऊर्जा बैंड
ठोस पदार्थों में इलेक्ट्रॉनों का व्यवहार उनकी ऊर्जा बैंड में व्यवस्था द्वारा नियंत्रित होता है।
1.1 चालन बैंड और संयोजी बैंड
- चालन बैंड: वह ऊर्जा बैंड जहाँ इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं और विद्युत चालकता में योगदान करते हैं।
- संयोजी बैंड: वह ऊर्जा बैंड जहाँ इलेक्ट्रॉन परमाणुओं से बंधे होते हैं और चालकता में योगदान नहीं करते।
1.2 बैंड गैप
- संयोजी बैंड और चालन बैंड के बीच की ऊर्जा अंतराल।
- कुचालकों में, बैंड गैप बड़ा होता है।
- चालकों में, संयोजी और चालन बैंड आपस में ओवरलैप होते हैं।
- अर्धचालकों में, बैंड गैप मध्यम होता है (आमतौर पर 1 eV या कम)।
1.3 डोपन और वाहक सांद्रता
- डोपन (doping) द्वारा अपद्रव्य मिलाए जाते हैं जो आवेश वाहकों की संख्या बढ़ाते हैं।
- इससे बाह्य अर्धचालक प्राप्त होते हैं।
2. अर्धचालक पदार्थ
अर्धचालक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनकी विद्युत चालकता चालकों और कुचालकों के बीच होती है।
2.1 आंतरिक अर्धचालक
- बिना किसी अपद्रव्य वाले शुद्ध अर्धचालक।
- उदाहरण: सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge)।
- परम शून्य तापमान पर, आंतरिक अर्धचालक कुचालकों जैसा व्यवहार करते हैं।
- कमरे के तापमान पर, तापीय ऊर्जा इलेक्ट्रॉनों को संयोजी बैंड से चालन बैंड में उत्तेजित करती है, जिससे इलेक्ट्रॉन-होल युग्म बनते हैं।
2.2 बाह्य अर्धचालक
- चालकता बढ़ाने के लिए अपद्रव्य मिलाए गए अर्धचालक।
- डोपन द्वारा बहुसंख्यक वाहक और अल्पसंख्यक वाहक पैदा होते हैं।
3. अर्धचालकों के प्रकार
3.1 आंतरिक अर्धचालक
- कोई अपद्रव्य नहीं।
- इलेक्ट्रॉनों और होलों की संख्या समान।
- चालकता तापमान और आंतरिक गुणों पर निर्भर करती है।
3.2 बाह्य अर्धचालक
बाह्य अर्धचालकों को N-प्रकार और P-प्रकार में वर्गीकृत किया जाता है।
3.2.1 N-प्रकार अर्धचालक
- डोपेंट: दाता अपद्रव्य (जैसे, फॉस्फोरस, आर्सेनिक)।
- प्रभाव: अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन जोड़ता है।
- बहुसंख्यक वाहक: इलेक्ट्रॉन।
- अल्पसंख्यक वाहक: होल।
- चालकता: मुक्त इलेक्ट्रॉनों के कारण बढ़ती है।
3.2.2 P-प्रकार अर्धचालक
- डोपेंट: ग्राही अपद्रव्य (जैसे, बोरॉन, गैलियम)।
- प्रभाव: रिक्तियाँ (होल) बनाता है।
- बहुसंख्यक वाहक: होल।
- अल्पसंख्यक वाहक: इलेक्ट्रॉन।
- चालकता: होलों के कारण बढ़ती है।
4. अर्धचालकों में चालकता
अर्धचालक की चालकता आवेश वाहकों की संख्या और गतिशीलता पर निर्भर करती है।
4.1 वाहक सांद्रता
- N-प्रकार अर्धचालकों में: $ n_e \gg n_h $
- P-प्रकार अर्धचालकों में: $ n_h \gg n_e $
4.2 चालकता सूत्र
$$ \sigma \approx n_e \mu_e e \quad \text{(N-प्रकार के लिए)} $$ $$ \sigma \approx n_h \mu_h e \quad \text{(P-प्रकार के लिए)} $$
जहाँ:
- $ \sigma $: चालकता
- $ n_e $, $ n_h $: इलेक्ट्रॉन और होल सांद्रता
- $ \mu_e $, $ \mu_h $: इलेक्ट्रॉन और होल गतिशीलता
- $ e $: इलेक्ट्रॉन का आवेश
5. अनुप्रयोग और सारांश
5.1 अर्धचालकों के अनुप्रयोग
- एकीकृत परिपथ (IC): कंप्यूटर, स्मार्टफोन आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में प्रयुक्त।
- सौर सेल: सूर्य के प्रकाश को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।
- LED: धारा प्रवाहित करने पर प्रकाश उत्सर्जित करते हैं।
- ट्रांजिस्टर: इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में प्रवर्धन और स्विचिंग के लिए प्रयुक्त।
5.2 सारांश
- आंतरिक अर्धचालकों में इलेक्ट्रॉन और होल सांद्रता समान होती है।
- बाह्य अर्धचालकों में चालकता बढ़ाने के लिए डोपन किया जाता है।
- N-प्रकार अर्धचालकों में अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।
- P-प्रकार अर्धचालकों में अतिरिक्त होल होते हैं।
- चालकता वाहक सांद्रता और गतिशीलता का फलन है।
6. मुख्य अवधारणाएँ और परिभाषाएँ
आंतरिक अर्धचालक: बिना किसी मिलावट वाला शुद्ध अर्धचालक।
बाह्य अर्धचालक: चालकता बढ़ाने के लिए अपद्रव्य मिलाया गया अर्धचालक।
डोपन: एक अर्धचालक की विद्युत गुणों को संशोधित करने के लिए उसमें अपद्रव्यों को मिलाने की प्रक्रिया।
दाता अपद्रव्य: वह अपद्रव्य जो अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन प्रदान करता है (N-प्रकार)।
ग्राही अपद्रव्य: वह अपद्रव्य जो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है, होल बनाता है (P-प्रकार)।
7. तुलनात्मक तालिका: N-प्रकार vs. P-प्रकार अर्धचालक
| विशेषता | N-प्रकार अर्धचालक | P-प्रकार अर्धचालक |
|---|---|---|
| डोपेंट प्रकार | दाता (जैसे, P, As) | ग्राही (जैसे, B, Ga) |
| बहुसंख्यक वाहक | इलेक्ट्रॉन | होल |
| अल्पसंख्यक वाहक | होल | इलेक्ट्रॉन |
| चालकता का कारण | अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन | अतिरिक्त होल |
| सामान्य उपयोग | ट्रांजिस्टर, डायोड आदि | ट्रांजिस्टर, डायोड आदि |
8. गणितीय सूत्र
8.1 N-प्रकार अर्धचालक में चालकता
$$ \sigma \approx n_e \mu_e e $$
8.2 P-प्रकार अर्धचालक में चालकता
$$ \sigma \approx n_h \mu_h e $$
8.3 वाहक सांद्रता संबंध
$$ n_e n_h = n_i^2 $$
जहाँ:
- $ n_e $: इलेक्ट्रॉन सांद्रता
- $ n_h $: होल सांद्रता
- $ n_i $: आंतरिक वाहक सांद्रता
9. निष्कर्ष
आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स में अर्धचालकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिजाइन और विश्लेषण के लिए आंतरिक और बाह्य अर्धचालकों के व्यवहार को समझना आवश्यक है। डोपन, वाहक सांद्रता और चालकता के सिद्धांत अर्धचालक प्रौद्योगिकी की नींव बनाते हैं।
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